गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व श्रद्धा, सम्मान के साथ मनाया गया

पटना, (खौफ 24) तख्त श्री हरिमन्दिर जी पटना साहिब प्रबंधक कमेटी द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व पूर्ण श्रद्धा, सम्मान और उत्साह के साथ मनाया गया। इस मौके पर गुरुद्वारा गायघाट में विषेष दीवान सजाए गए जिसमें भाई मनोहर सिंह जी बरेली एवं भाई हरजीत सिंह जी श्री दरबार साहिब के रागी जत्थें ने गुरु की इलाही बाणी के कीर्तन से संगतों को निहाल किया। तख्त साहिब के हजूरी कथावाचक ज्ञानी गगनदीप सिंह ने गुरबाणी कथा संगत को श्रवण करवाई। तख्त पटना साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी बलदेव सिंह एवं एडीशनल हैड ग्रन्थी ज्ञानी दलीप सिंह के द्वारा अरदास की गई।

इस मौके पर तख्त पटना साहिब कमेटी के अध्यक्ष जगजोत सिंह सोही, उपाध्यक्ष गुरविन्दर सिंह, महासचिव इन्द्रजीत सिंह, सचिव हरबंस सिंह के द्वारा संगत का स्वागत किया गया। इस मौके पर शहीद बाबा जीवन सिंह जी की 363वीं जयंती मनाने पंजाब और झारखण्ड से आई संगत के द्वारा तख्त पटना साहिब कमेटी के सहयोग से एक नगर कीर्तन पांच प्यारों की अगुवाई में गुरुद्वारा गायघाट से तख्त श्री हरिमन्दिर जी पटना साहिब लाया गया जिसमें संगत शब्द कीर्तन गायन करते हुए चलती दिखी। इसके साथ ही स्कूली बच्चों एवं गतका पार्टियों ने भी इसमें हिस्सा लिया। गुरुद्वारा गायघाट में शायद पहली बार इतनी गिनती में संगतों ने एक साथ हाजरी भी जो अपने आप में एतिहासिक है।

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तख्त पटना साहिब कमेटी के अध्यक्ष जगजोत सिंह सोही ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरु ग्रन्थ साहिब जी के पहले प्रकाश पर्व के मनाने के लिए पंजाब और झारखण्ड से 4000 के करीब संगत पहुंची है जिन्होंने गुरुद्वारा गायघाट में हुए विषेश समागम में हिस्सा लिया और उसके बाद नगर कीर्तन का भी हिस्सा बनीं। उन्होंने बताया कि शहीद बाबा जीवन सिंह जी एजूकेशनल एंड वैलफेयर ट्रस्ट पंजाब और झारखण्ड से संगत बाबा जीवन सिंह के 363वें जयंती पर 25वें चेतना मार्च के रुप में बीते दिनों विषेष टेªन से पंजाब से तख्त पटना साहिब पहुंची थी। सः जगजोत सिंह सोही ने कहा श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की अपार कृपा है जिन्होंने मानवता को अधिकार और सत्य की लड़ाई लड़ना और उसकी आवाज बुलंद करना सिखाया।

उन्होंने कहा कि हम श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के चरणों में ही सारी मानवता को एक नजर से देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब ने समूची मानवता को सिखाया कि हर कोई उस एक अकाल पुरख का पैदा किया हुआ है। उन्होंने कहा कि सिखों के लिए यह सबसे जरूरी है कि वे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के चरणों में रहकर खंडे बाटे का अमृत पिएं और गुरु वाला बनकर रहें। उन्होंने कहा कि हमारे गुरु साहिबानों ने हमें यही सिखाया कि हमेशा सत्य की बात करनी है चाहे जीवन में कितनी भी कठिनाई क्यों न झेलनी पड़े। उन्होंने कहा कि सिख कौम ने कभी भी श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का सहारा नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के कार्यकाल के दौरान भी हमने पहले श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया और उनके आशीर्वाद से ही हमने आगे बढ़कर जीत हासिल की।

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